HomeGENERALबजटिंग - ज्यादा पैसे बचाने का सबसे बेहतरीन टूल

बजटिंग – ज्यादा पैसे बचाने का सबसे बेहतरीन टूल

हम अपनी जॉब या बिज़नेस या किसी भी स्रोत से जो पैसा कमाते है उसके कुछ हिस्से की हम हमेशा बचत करना चाहते है और यह एक अच्छी आदत भी है। आज के इस आर्टिकल में हम बजटिंग के बारे में बात करने वाले है जिसकी मदद से आप अपने अनावश्यक खर्चों को नियंत्रित करने के साथ-साथ अपनी सेविंग्स की आदत में और सुधार ला सकते है।

बजटिंग (Budgeting) क्या है?

किसी निश्चित समय के लिए एक व्यक्ति की इनकम तथा उसके खर्चों का एक फाइनेंसियल प्लान ही बजट कहलाता है तथा बजट बनाने की प्रक्रिया को ही बजटिंग के नाम से जाना जाता है। बजटिंग टूल की सहायता से हमें यह पता लगता है कि भविष्य में जो चीजें हमारे लिए उपयोगी होगी, उन पर खर्च करने के लिए हमारे पास पर्याप्त फंड है या नहीं है। इसके अलावा एक व्यक्ति की इनकम तथा उसके खर्चों के बीच बैलेंस बिठाने के लिए भी बजटिंग का अहम योगदान रहता है।

बजटिंग इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

बजटिंग टूल हमारे लिए इस प्रकार से महत्वपूर्ण सिद्ध होता है –

  • लोग ऐसा मानते है कि बजटिंग की मदद से उनके खर्चे पर एक रोक लग जाएगी या फिर वो खर्चा नहीं कर पाएंगे लेकिन हकीकत यह है कि बजटिंग आपको ज्यादा पैसा देने की स्वंत्रता प्रदान करती है। जब हमें हमारी उन चीजों के बारे में पहले से ही पता रहता है जिन पर हम खर्च करने वाले है तो हम इनके लिए एक अमाउंट पहले से ही फिक्स कर सकते है। इसकी सहायता से हम ज्यादा खर्चा करने से बच जाते है तथा बजट की मदद से हम कई बार इन चीजों के लिए अमाउंट फिक्स करके पैसा बचा भी लेते है। जब हम चीजों के लिए पहले से ही अमाउंट फिक्स कर देते है तो फिर जब हम उन चीजों पर उतना पैसा खर्च करते है तो एक ग्लानी या दुःख की अनुभूति भी नहीं होती क्योंकि हमें पहले से ही यह पता रहता है कि कहाँ पर कितना पैसा जाने वाला है।
  • इसके अलावा बजटिंग की मदद से हम ज्यादा पैसा खर्च करने से खुद को बचा सकते है। अगर हमारे पास पहले से ही यह प्लान है कि इन चीजों पर इतना पैसा खर्च करना है तो उन चीजों को खरीदते समय हम उतना ही पैसा खर्च करके खुद को ज्यादा खर्चा करने से रोक सकते है। अगर हमने से उन चीजों के लिए बजट ही नहीं बनाया होता तो हमें पता ही नहीं रहता कि कहाँ पर कितना खर्च करना है और उसके वजह से हम कई बार ज्यादा पैसा भी खर्च कर देते है।
  • बजटिंग हमें हमारी रियलिटी से परिचित करवाती है। जब हम बजट में हमारी सेविंग्स तथा खर्चों आदि को लिखते है तो हम एक अनुमान लगा सकते है कि इस हिसाब से हम हमारे शार्ट टर्म तथा लॉन्ग टर्म गोल्स को कब हासिल करने वाले है तथा कौन-कौनसी चीजें उसमे बाधा बन रही है जिनको हम दूर करके अपने गोल्स को अचीव कर सकते है।
  • इसके अलावा बजटिंग की मदद से हमें यह भी पता चलता है कि किन-किन जगहों पर हम पैसा बचा सकते है। अगर हम हमारे सारे खर्चों को एनालाइज करेंगे तो हमें जरूर यह पता लग जाएगा कि कौन कौनसे खर्चों को काम करने की आवश्यकता है ताकि आप उस पैसे को सेव कर सकते या इन्वेस्ट कर सके। इस प्रकार बजट बनाकर आप लम्बे समय में काफी पैसे के बचत कर सकते है।
  • इसके अलावा इसका सबसे अंतिम फायदा यह है कि बजटिंग की मदद से हम अपने फण्ड को कण्ट्रोल कर सकते है। हर देश या बिज़नेस का अपने बजट होता है तथा इसमें समय-समय पर परिवर्तन भी देखने को मिलते है। सभी देश तथा बिज़नेस ऐसा इसलिए करते है क्योंकि इसकी मदद से वो अपने फण्ड को ज्यादा जरूरी चीजों के लिए पहले सरंक्षित कर सकते है तथा जहां पर कुछ पैसा बचने की सम्भावना देखती है वहां पर पैसे की बचत भी कर सकते है। इस प्रकार आप भी बजटिंग की मदद से अपने फण्ड को ग्रो कर सकते हो तथा वेल्थ बना सकते हो।

budgeting tool

Budgeting System क्या है?

हालाँकि वैसे तो बजटिंग के बहुत सारे टूल्स उपलब्ध है लेकिन फिर भी एनवलप बजटिंग सिस्टम की मदद से आप बड़ी आसानी से अपना बजट बना सकते हो तथा उसको फॉलो भी कर सकते हो। इसके नाम में ही इस सिस्टम का राज छुपा है। इसके लिए आपको फिजिकल लिफाफे लेने है तथा हर लिफ़ाफ़े पर अपने खर्चों के हिसाब से एक लेबल लगा देना है जैसे Rent, Telephone Bill, Food, Electricity Bill आदि। इसके बाद इन लिफाफों में उस हिसाब से वो राशि भी डाल देनी है फिर इसके बाद जैसे ही पेमेंट का समय आता है तो आपको उन लिफाफों में से वो पैसा निकलकर सीधा भुगतान कर देना है।

महीने के अंत में आप देख सकते है कि क्या सारे लिफाफों का सारा पैसा खर्च हो गया या फिर अभी भी कुछ बचा है। उसके हिसाब से आप अगले महीने के लिए भी लिफाफे बना सकते हो। हालाँकि आजकल बहुत सारे ऐसे मोबाइल Apps आ चुके है जिनकी मदद से आप अपने बजटिंग उसी प्रकार से कर सकते है तथा आपको लिफाफे बनने का कष्ट भी नहीं उठाना पड़ता।

बजटिंग की कुछ शर्तें

बजट बनाने के लिए आपको 50-30-20 नियम को फॉलो करना चाहिए। इसके अनुसार आपकी हर महीने की इनकम का 50% हिस्सा आपकी Needs में जाना चाहिए। इसमें आप कुछ ऐसे खर्चों को शामिल कर सकते है जो आपको करने ही पड़ते है जैसे किराया, लाइट बिल, मेडिसिन, खाना आदि। इसके बाद आपकी इनकम का 30% हिस्सा आपकी Wants में जाना चाहिए। Wants में ऐसे खर्चों को शामिल किया जाता है जिनको किए बिना भी आप आराम से अपनी दैनिक जिंदगी सामान्य तरीके से जी सकते हो। मूवी देखना, रेस्टोरेंट में भोजन करना, एक नई ड्रेस खरीदना आदि खर्चों को Wants में शामिल किया जाता है। इसके बाद बचा हुआ 20% हिस्सा आपकी सेविंग्स या इन्वेस्टमेंट या डेब्ट चुकाने में जाना चाहिए। हालाँकि ऐसा जरूरी नहीं है कि आपको इस रूल को फॉलो करना ही है, अगर आपके Wants के खर्चे कम है तो आप ज्यादा पैसा भी सेव कर सकते हो तथा इन्वेस्ट कर सकते हो। आप इस रूल को इन पॉइंट की मदद से और अच्छे से समझ सकते है –

  • आपको मासिक तौर पर अपनी Needs , Wants तथा Savings/Debt Payment को जानना जरूरी है। Needs में किसी भी प्रकार के बिल का पेमेंट हो सकता है तथा Wants में आपकी शॉपिंग को शामिल किया जा सकता है तथा डेब्ट में क्रेडिट कार्ड के बिल का कोई पेमेंट हो सकता है।
  • इसके बाद आपको यही रूल वार्षिक तौर पर भी फॉलो करना चाहिए। आपको वार्षिक हिसाब से अपनी Wants, Needs तथा Savings/Debts का पता लगाना चाहिए। हालाँकि वार्षिक Needs/Wants आपकी मासिक Needs/Wants से अलग हो सकती है जैसे यहां पर Needs के रूप में आपकी Lump Sum Premium हो सकती है तथा एक वेकेशन आपकी Wants हो सकती है।
  • सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको अपने Goal को निर्धारित करके उसके हिसाब से ये सब करना है इसमें आपका इमरजेंसी फण्ड, शार्ट टर्म तथा लॉन्ग टर्म फाइनेंसियल गोल्स हो सकते है।

अगर आप बजटिंग को और अच्छे से समझना चाहते है तो हमारे इस वीडियो को जरूर देखे –

Join the LLA telegram group for frequent updates and documents.
Download the telegram group and search ‘Labour Law Advisor’ or follow the link – t.me/JoinLLA
It’s FREE!

Koja Ram
Koja Ram
A 3rd year B.Tech student at the NationalInstitute of Technology Jalandhar, Koja Ram’s aim is to make India financiallyeducated and independent. He has a remarkable capacity to interpret complexfinancial jargon and communicate the same in simple and easy to understandHindi for the masses. 

Related Blogs

Financial Advisor

spot_img

Follow Us

163,762FansLike
467,897FollowersFollow
35,109FollowersFollow
4,089,574SubscribersSubscribe

Jagruk Investor

Jagruk Employees

In Andhra Pradesh, the Employee's State Insurance Corporation (ESIC) hospitals and dispensaries serve as integral components of the healthcare infrastructure, ensuring access to quality...

Don't Miss

Recent Comments