Labour Welfare Fund या श्रमिक कल्याण निधि एक कानूनी अनुदान है जिसको Individual State Authorities द्वारा Manage किया जाता है। आज के इस आर्टिकल में हम Labour Welfare Fund के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करेंगे।
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Labour Welfare Fund क्या है ?
Labour Welfare को श्रमिकों के लिए एक प्रकार के आर्थिक या अन्य प्रकार की सहायता के रूप में देखा जा सकता है। इसकी सहायता से श्रमिकों को उनकी कार्य स्थतियों में सुधार करने या फिर उनकी सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देने तथा उनकी जीवन स्तर को ऊँचा उठाने के क्षेत्र में कार्य किया जाता है। Labour Welfare Fund Act के तहत श्रमिकों को अनेक प्रकार की सेवाएं, बेनिफिट्स तथा अन्य सुविधाएं प्रदान की जाती है। इन सुविधाओं को एक कर्मचारी तथा उसके Employer से प्राप्त किए गए Contribution के बदले में प्रदान किया जाता है।
Labour Welfare Fund Act की पात्रता (स्टेट वाइज)
भारत सरकार ने श्रमिकों को एक सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से Labour Welfare Act को लागु किया था। वर्तमान में यह अधिनियम भारत के 34 में से केवल 15 राज्यों में ही सक्रिय है (केंद्र शासित प्रदेश सहित)।
Eligible Establishments and Employees
Labour Welfare Fund Act एक Establishment में काम करने वाले प्रत्येक कर्मचारी पर लागु नहीं होता। इसकी पात्रता कर्मचारी की सैलरी तथा उसके पद पर निर्भर करती है। एक Employer को भी इस Act का लाभ उठाने के लिए उसकी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या पर भी ध्यान देना पड़ता है। बाकि यह सम्बंधित राज्य पर निर्भर करता है कि अमुक कर्मचारियों की संख्या के लिए यह एक्ट लागु होगा या नहीं।
उदाहरण के लिए महाराष्ट्र में यह Act उन सभी Establishments पर लागु होता है जिनमे 5 या इससे ज्यादा कर्मचारी काम करते है तथा जिनकी Wages 3500 से ज्यादा होती है (supervisors तथा Managers को छोड़कर) जबकि पंजाब में जिन Establishments में 20 या इससे ज्यादा कर्मचारी काम करते है उनको इस एक्ट के अंतर्गत माना जाता है तथा Wages तथा कर्मचारियों के पद का कोई Restriction नहीं है।
Labour Welfare Fund के लिए Contribution Rate
Labour Welfare Fund में एक कर्मचारी तथा उसका Employer दोनों ही Contribute करते है। 22 फरवरी 2019 के लेटेस्ट नोटिफिकेशन के अनुसार कर्मचारी का उच्त्तम Contribution हरयाना में है। Employer का Contribution कर्मचारी द्वारा किए गए Contribution का 2 या 3 गुना होता है। उदाहरण के लिए महाराष्ट्र में अगर एक कर्मचारी इस एक्ट के अंतर्गत 6 महीने के लिए 12 रूपये का Contribution करता है तो Employer को 36 रूपये का भुगतान करना होगा जबकि गुजरात में अगर कर्मचारी 6 महीने के लिए 6 रूपये का भुगतान करता है तो Employer को 12 रूपये का भुगतान करना होगा।
Period Of Remittance
Contribution की राशि तथा Frequency को State Labour Welfare Board द्वारा निश्चित किया जाता है। Labour Welfare Fund में Contribution वार्षिक,अर्ध-वार्षिक या मासिक तौर पर किया जा सकता है। कुछ राज्यों जैसे कर्नाटक,हरयाना,तमिल नाडु,आंध्र प्रदेश में वार्षिक Contribution होता है जबकि कुछ अन्य राज्यों जैसे महाराष्ट्र,गुजरात,मध्य प्रदेश में जून तथा दिसंबर माह में Contribution लिया जाता है।
विभिन्न राज्यों के Labour Welfare Fund की गणना तथा Employer व Employee के Contribution को जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें – Labour Welfare Fund Rate Contribution
कर्मचारियों के लिए Labour Welfare Fund के बेनिफिट्स
सामान्यतः Labour Welfare Fund की राशि का उपयोग बोर्ड द्वारा निम्नलिखित बेनिफिट्स के लिए किया जा सकता है –
- श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए।
- पब्लिक तथा प्राइवेट सेक्टर के Employers को मेडिकल सुविधाएं प्रदान करना ताकि वो ये सुविधायें उनके कर्मचारियों तथा उनके परिवार को प्रदान करा सकें।
- श्रमिकों को परिवहन की सुविधा प्रदान करना।
- कर्मचारियों के लिए मनोरंजन के साधन उपलब्ध करवाना जैसे स्पोर्ट्स,म्यूजिक आदि ताकि कार्यस्थलों पर एक अच्छा माहौल बनाया जा सकें (इसमें sports competition में भाग लेने के लिए लगने वाले परिवहन के खर्चे भी शामिल है)।
- आवास सुविधाओं के तहत श्रमिकों को घर बनाने के लिए उचित दरों पर लोन देना।
- पर्यटन के लिए खर्चे का प्रबंध करना।
- महिलाओं तथा बेरोजगारों के लिए गृह उद्योग की व्यवस्था करना।
- पढ़ने के लिए कमरे तथा लाइब्रेरीज की सुविधा उपलब्ध करवाना।
- व्यवसायिक प्रशिक्षण (Vocational Training)।
- कर्मचारियों के बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाना।
- मजदूरों के बच्चो की पढ़ाई के लिए छात्रवृति उपलब्ध करवाना।
अगर आप इस विषय के बारे में और ज्यादा जानना चाहते है तो हमारे इस वीडियो को जरूर देखें –
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