जैसा की हम सभी जानते है की EPF (Employee Provident Fund) एक Monthly Savings Scheme है जिसकी हेल्प से एक कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद एक वित्तीय सुरक्षा मिल जाती है। एक कर्मचारी तथा उसका नियोक्ता, दोनों इस Scheme में अपनी भागीदारी निभाते है। EPF उन सभी कंपनियों के लिए अनिवार्य है जिनमे 20 से ज्यादा कर्मचारी काम करते है।
तो आज हम इस आर्टिकल में यह जानने की कोशिश करेंगे कि EPF Challan का देरी से भुगतान करने पर हमे कौन-कौनसे Interests तथा Damages का सामना करना पड़ सकता है।
EPF Payment Deadline
किसी भी कर्मचारी के किसी विशेष महीने के EPF Payment के भुगतान की Deadline उस महीने से अगले महीने की 15 तारीख़ होती है। यानि अगर किसी कर्मचारी को नवंबर 2020 के EPF का भुगतान करना है तो उसके लिए Deadline 15 दिसंबर 2020 होती है। इसके बाद किया गया भुगतान Late Payment के अंतर्गत माना जाता है।
EPF Return Deadline
नए ECR के अनुसार EPF Filling तथा Payment दोनों साथ साथ ही किये जा सकते है। इस प्रकार EPF Return Deadline भी वही होती है जो EPF पेमेंट की Deadline होती है।
प्रकार Deadline
EPF पेमेंट On or Before 15th of Every Month
ECR फिलिंग On or Before 15th of Every Month
EPF Late Payment Penalties
अगर नियोक्ता (Employer) नियत समय पर EPF Challan का भुगतान करने में असमर्थ रहता है तो उस पर दो प्रकार के बकाया शुल्क इस प्रकार से लागु होते है –
1. EPF Interest for Late Payment under Section 7Q
जब भी कोई नियोक्ता (Employer) अपना EPF Contribution नियत समय तक नहीं भर पाता है तो उसको 12% प्रति वर्ष के हिसाब से EPF ब्याज देना पड़ता है और यह ब्याज उतने दिनों का लगता है जितने दिन की Payment में देरी होती है।
2. Penal Damages for Late Payment under Section 14 B
जब Employer अपना EPF Contribution समय पर नहीं भर पाता है तो उस पर इस प्रकार से Penal Charges लागु होते है –
NO. OF MONTHS DELAYED | PENALTY RATE APPLICABLE |
Delay for up to 2 months | 5% per annum |
Delay ranging from 2 months to 4 months | 10% per annum |
Delay ranging from 4 months to 6 months | 15% per annum |
Delay exceeding 6 months | 25% per annum (which may correspondingly go up to 100%) |
ये Penalties जमा होती रहती है तथा इसकी सुचना EPFO द्वारा Employer को Official Notices के माध्यम से दी जाती है।
हालाँकि Employer इन Penalties के बारे में भविष्य में EPFO को चुनौती भी दे सकता है लेकिन अगर वास्तव में EPF पेमेंट देरी से ही किया गया है तो Employer को किसी भी प्रकार की छूट मिलने कि सम्भावना बहुत कम रहती है।
Joint Declaration Form In Hindi
PF Damages Challan का भुगतान कैसे करें?
- Challan के देरी से Payment की condition में EPF Interest तथा Penal Damages का भुगतान करने के लिए सबसे पहले आपको EPFO Website पर जाना होगा।
- इसके बाद Payments के Drop-Down Tab में आपको DAMAGES AND INTERESTS पर क्लिक करना है। यहां Employer की कुल Penalty अमाउंट Automatically calculated रहती है।
Formal Proceedings for Non-Payment Of EPF Penalties
अगर EPFO द्वारा बार बार सुचना दिए जाने के बाद भी Employer अपनी सभी Due Penalties तथा EPF Interest का भुगतान नहीं करता है तो फिर Employer के खिलाफ निम्नलिखित कदम उठाए जाते है-
7A. Determination of Amount Due from Employer
Sub-Section (1):
या तो Central Provident Fund Commissioner या फिर कोई Additional Central Provident Fund Commissioner, या Deputy Provident Fund Commissioner, या Regional Provident Fund Commissioner या Assistant Provident Fund Commissioner इस प्रकार के मामले में निम्नलिखित दो Conditions में एक जज की भूमिका निभाते है –
- पहली Condition में किसी Firm पर इस अधिनियम की Applicability से सम्बंधित विवाद का निर्णय उपरोक्त अधिकारी लेते है।
- दूसरी कंडीशन में Employer द्वारा देय कुल अमाउंट के बारे में उपरोक्त अधिकारियो द्वारा निर्णय लिया जाता है। यह अमाउंट इस अधिनियम सम्बन्धी या फिर पेंशन योजना या बीमा योजना की हो सकती है और इससे सम्बंधित आवश्यक Enquiry करने का अधिकार भी उपरोक्त अधिकारियो के पास होता है।
Sub-Section (2):
अधिनियम 7A के Sub-section (1) के अंतर्गत मामले की जाँच करने वाले अधिकारी के पास नागरिक संहिता अधिकार, 1908 (5 of 1908) के तहत वही सारी शक्तियां होगी जो कोर्ट में जज के पास उपलब्ध होती है निम्नलिखित शक्तियों का वर्णन इस अधिनियम में है –
- मामले से सम्बंधित किसी भी व्यक्ति को उपस्थित करना या उससे शपथ के तहत उसकी जाँच करना
- सम्बंधित दस्तावेजों की जाँच करना तथा इससे सम्बंधित सारी प्रक्रिया करना
- सम्बंधित व्यक्ति से सबूत या शपथ पत्र प्राप्त करना
- मामले से जुड़े हुई गवाहों की जाँच के लिए Commissions जारी करना
उपरोक्त जाँच को 1960 के Indian Penal Code 45 तथा Section 193 और 228 के तहत पूर्णतः वैध Judicial Proceeding माना जाता है
Sub-Section (3):
इस सेक्शन के अनुसार दोषी Employer के खिलाफ Sub-Section (1) के किसी भी आदेश को लागु करने से पहले Employer को पर्याप्त समय दिया जाना अनिवार्य है जिससे कि वो अपने मामले का प्रतिनिधित्व कर सकें।
Sub-Section 3 (A):
जब किसी Employer के खिलाफ Sub-Section (1) के तहत Inquiry चल रही हो तथा Employer बिना किसी वैध कारण के Inquiry में भाग लेने से इनकार कर देता है या सम्बंधित अधिकारियो के समक्ष अपने कागजात पेश करने में असमर्थ रहता है तो अधिकारी इस Condition में उपलब्ध सबूतों तथा दस्तावेजों के अनुसार Employer के खिलाफ आदेश पारित कर सकते है तथा Employer द्वारा भुगतान की जाने वाली राशि का निर्धारण कर सकते है।
7B. Review of Orders Passed under Section 7A
Section 7A के तहत Employer के खिलाफ सम्बंधित अधिकारी द्वारा जो भी आदेश पारित किये जाते है, उनकी समीक्षा का दावा Employer द्वारा किया जा सकता है।
7C. Notice for Recovery of Final Amount
Employer को एक नोटिस भेजा जाता है जिसमे उसके द्वारा EPF Late Payment के रूप में दी जाने वाली Final Amount का वर्णन रहता है।
7D. Employees’ Provident Funds Appellate Tribunal
यदि Employer को ऐसा लगता है कि उसके खिलाफ पारित किये गए आदेश उचित नहीं है तो वह आगे हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में निर्णय के खिलाफ अपील कर सकता है।
हम आशा करते है कि ये आर्टिकल आपके लिए फायदेमंद साबित होगा तथा अगर आप इस विषय के बारे में और विस्तार से जानना चाहते है तो आप हमारे इस वीडियो को देख सकते है –