जब भी हम कोई बिज़नेस करते है तो हमे उससे सम्बंधित सरकार के नियम तथा कानूनों को जानना अतिआवश्यक है। तो आज हम बात करने वाले है एक ऐसे ही कानून की जिसके बारे में प्रत्येक बिजनेसमैन, CA तथा कर्मचारी को जानना आवश्यक है। जी हाँ , हम बात कर रहे है EPF Act (Employee Provident Fund), 1952 के बारे में जिसके बारे में जानना आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
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EPF Act क्या है?
अगर हम आसान शब्दों में बात करें तो EPF Act एक प्रकार से ESI Act का ही दूसरा रूप है वर्तमान में लगभग 7 करोड़ भारतीय लोग इस Act के तहत प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होते है जो इसको विश्व की सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा योजना बनाता है।
The EPF Act: Basics
सन 1952 में Employer Provident Fund तथा Miscellaneous Provisions Act की कहानी की शुरुआत हुई तथा इसका पूरा प्रशासन Central Board of Trustees के हाथों में है तथा Employer Provident Fund Organization ( EPFO ) भी इसमें एक Assistant के तौर पर अपनी भूमिका निभाता है।
EPF एक्ट में मुख्य रूप से इन तीन योजनाओं को शामिल किया जाता है –
- Employee Provident Fund , 1952 (EPF) :
इसका उद्देश्य ‘रिटायरमेंट सेविंग्स’ को बढ़ावा देना है।
- Employee Pension Scheme , 1995 (EPS) :
इसका लक्ष्य रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन को बढ़ावा देना है।
- Employee Deposit Linked Insurance Scheme , 1976 ( EDLI ) :
इस योजना के अंतर्गत जब किसी व्यक्ति की अचानक मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार के सदस्यों को जीवन बीमा प्रदान की जाती है।
Applicability of the EPF Act
Applicability of a company
- EPF एक्ट के Schedule 1 के अंतर्गत आने वाले सभी उद्योगों को इसमें Applicable माना गया है इसमें लगभग 180 कंपनियां आती है पूरी लिस्ट देखने के लिए आप इस लिंक पर क्लिक करके देख सकते है –
- EPF एक्ट उन सभी कंपनियों पर लागु होता है जिनमे कर्मचारियों की संख्या 20 से ज्यादा है। Theaters के लिए कर्मचारियों की न्यूनतम संख्या 5 होनी चाहिए।
- अगर कोई कंपनी एक बार EPF एक्ट के दायरे में आ जाती है तथा उसके बाद अगर उस कंपनी में कर्मचारियों की संख्या 20 से कम हो जाती है तो भी EPF एक्ट उस कंपनी पर लागु ही रहेगा।
Applicability of an employee
उन सभी कर्मचारियों पर PF एक्ट लगता है जिनकी Wages (Basic + DA) 15,000 रुपयों से कम है। हालाँकि इस राशि में भविष्य में कुछ परिवर्तन भी आ सकता है लेकिन हम आपको बिलकुल नया डाटा प्रदान करने की पूरी कोशिश करते रहेंगे। इसलिए हमारी वेबसाइट तथा हमारे यूट्यूब चैनल को समय समय पर विजिट करते रहें।
EPF एक्ट के फायदे
EPF एक्ट हमारे लिए कई रूपों में फायदेमंद है जैसे –
Tax-free Savings
- यह EPF का सबसे बड़ा फायदा है यह भारत में उपलब्ध अन्य अनेक निवेश विकल्पों से अधिक ब्याज दर ( 8% से अधिक ) प्रदान करता है।
- PF अकाउंट में हमारे द्वारा किये गए Contribution तथा इसके ब्याज पर हमें किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं देना पड़ता चाहे हम इसको 5 साल बाद निकले या फिर Maturity के बाद निकालें। यह नियम इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के अंतर्गत आता है।
Post Retirement Benefits
रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी अपने EPF अकाउंट में अपना पूरा पैसा प्राप्त करता है। तथा अगर कर्मचारी ने 10 साल से ज्यादा सर्विस की है तो उसको अपने EPS अकाउंट में पेंशन भी मिलती है।
Emergency Benefits
PF अकाउंट की राशि कई आपातकालीन परिस्थितियों में निकाली जा सकती है जैसे –
- मृत्यु
- शादी
- घर बनाना
- होम लोन्स लेना
- मेडिकल एमर्जेन्सीज़
Loss of Income
अगर किसी वजह से आप अपनी नौकरी छोड़ देते है तथा 2 महीनों तक आपको कोई दूसरी नौकरी नहीं मिलती है तो आप अपने PF अकाउंट की राशि को निकल सकते है।
Life Insurance
अगर किसी कर्मचारी की अचानक मृत्यु हो जाती है तो EDLI के माध्यम से कर्मचारी के परिवार को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
Universal Access
UAN ( Universal Account Number ) के अस्तित्व में आने के बाद कोई भी कर्मचारी अपना PF अकाउंट एक कंपनी से दूसरी कंपनी में बड़े ही आसान तरीके से ट्रांसफर करवा सकता है।
तो इस प्रकार हमने इस आर्टिकल में EPF एक्ट तथा इसके फायदों के बारे में चर्चा की।
अगर आप इस विषय के बारे में और ज्यादा विस्तार से जानना चाहते है तो आप हमारे इस वीडियो को देख सकते है –
जॉइंट डिक्लेरेशन फॉर्म कैसे भरें ( हिंदी में )
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