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सदस्यों / कर्मचारियों के लिए Death Benefits
ESI – Employee State Insurance
किसी भी फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों तथा उनके परिवार के सदस्यों को The Employees’ State Insurance (ESI) Act 1948 के तहत मातृत्व,अपंगता जैसे कारणों के लिए एक वित्तीय सुरक्षा प्रदान कराई जाती है। यह ESI कैलकुलेशन उन सभी Power-using फैक्ट्रीज में लागु होती है जिनमे 10 से ज्यादा कर्मचारी काम करते है तथा non-power using फैक्ट्रीज के लिए यह संख्या 20 है। ESI Act 1948 में एक कर्मचारी तथा उसका Employer दोनों ही कंट्रीब्यूट करते है। ESI Act 1948 के अंतर्गत The Employees’ State Insurance Corporation (ESIC) को एक संवैधानिक निकाय माना गया है जो इस योजना के संचालन के लिए उत्तरदायी है।आश्रितों को किस प्रकार के Death Benefits मिलते है?
अगर इस योजना के किसी सदस्य की मृत्यु काम के दौरान या काम से सम्बंधित दुर्घटना के कारण हुई है तो सदस्य के परिवार के सदस्यों को Death Benefits का लाभ मिलता है।सदस्य की विधवा पत्नी, विधवा माँ और सदस्य के बच्चों को पूरी जिंदगी के लिए पेंशन, चिकित्सा खर्च तथा अंतिम संस्कार का खर्चा मिलता है।आश्रितों को कितना Death Benefits मिलता है?
लाइफ टाइम पेंशन
आश्रितों को मिलने वाली पेंशन रेट सदस्य के Wage का 90% होती है। इस पेंशन को सदस्य की पत्नी,उसके माता पिता तथा बच्चों में इस प्रकार से बांटा जाएगा :- ससस्य की विधवा पत्नी को पेंशन रेट का 3/5 वां हिस्सा मिलता है जबकि 2 बच्चों को पेंशन रेट का 2/5 वां हिस्सा मिलता है जब तक कि वो 25 वर्ष के नहीं हो जाते।
- अविवाहित पुत्रियों को पेंशन रेट का 2/5 वां हिस्सा मिलता है जब तक कि उनकी शादी नहीं हो जाती।
- सदस्य की माता को पेंशन रेट के 2/5 वां हिस्सा मिलता है।
- अगर सदस्य के बच्चे विकलांग है या पूर्णतः सदस्य पर ही निर्भर है तो उनको पूरी जिंदगी भर पेंशन का लाभ मिलता है या जब तक उनकी शादी नहीं हो जाती तब तक उनको लाभ मिलता है।
- अगर सदस्य के कोई वाइफ या बच्चे नहीं है तो पेंशन रेट का 3/10 वां हिस्सा उसके माता पिता को मिलता है।
- सभी पेंशन का योग सदस्य के Wages के 90% से ज्यादा नहीं होना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो आश्रितों को मिलने वाली राशि उसी अनुपात में कम हो जाएगी।
अंतिम संस्कार का खर्च
सदस्य की मृत्यु होने पर ESI डिपार्टमेंट द्वारा आश्रितों को अंतिम संस्कार का खर्च भी प्रदान किया जाता है। पहले यह राशि 10,000 रूपये थी जो 2018 में बढ़कर 15,000 रूपये हो गई।चिकित्सा सहायता
2014 में आयोजित ESI की 106 वीं मीटिंग के अनुसार सदस्य की पत्नी को अगर पेंशन बेनिफिट्स मिल रहे है तो उसको मेडिकल बेनिफिट्स भी मिलेंगे। उसको प्रति वर्ष 121 रूपये की एक फीस का भी भुगतान करना पड़ेगा तथा उसके बाद उसको ESI के समस्त चिकित्सा लाभ मिलेंगे।ESI Death benefits को प्राप्त करने के लिए आवश्यक कागजात
Death Benefits हासिल करने के लिए इन डाक्यूमेंट्स की जरूरत होती है –- Form 15 or pension claim form
- Form 95-D for funeral expenses
- Accident report
- Witness report
- Attendance report of deceased employee and witness employees
- Hospital bill if any
- FIR copy
- Police inquest report
- Post mortem report
- Chemical analysis report
- मृत्यु प्रमाण पत्र
- सदस्य का ID Proof
- आश्रितों की बैंक डिटेल्स
- आश्रित बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र
- विधवा का मैरिज सर्टिफिकेट
- बच्चों तथा पत्नी की 3 फोटो (पासपोर्ट साइज)
EPF – Employee Provident Fund
Employees’ Provident Fund Organization (EPFO) द्वारा 1995 में Employees’ Pension Scheme(EPS) को लांच किया गया था जो एक सामाजिक सुरक्षा योजना है। जो भी कर्मचारी एक Organized Sector में काम करते है उनको उनके रिटायरमेंट के बाद (58 वर्ष) एक वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए ही इस योजना को चलाया गया था। जो भी कर्मचारी न्यूनतम 10 सालों की सर्विस करते है उनको ही इस योजना का लाभ मिलता है। तथा अगर कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उसके आश्रितों को पेंशन भी मिलती है।Employees’ Pension Scheme के तहत मिलने वाले अन्य लाभों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए, आप Employee Pension Scheme Benefits इस लेख को पढ़ सकते हैं। इसमें पेंशन योजना के सभी पहलुओं पर गहन जानकारी दी गई है जो आपको और आपके परिवार को योजना का अधिकतम लाभ उठाने में मदद करेगी।आश्रितों को कौनसे Death Benefits मिलते है?
किसी भी PF Member की मृत्यु की स्थिति में उसकी पत्नी, बच्चों तथा पेरेंट्स को आजीवन पेंशन मिलती है।पेंशन के साथ साथ सदस्य के आश्रितों को EDLI Benefits भी मिलते है अगर सदस्य की मृत्यु कार्यकाल के दौरान हुई है।आश्रितों को कितना लाभ मिलता है?
EDLI
अगर कोई सदस्य अपने कार्यकाल की Date Of Exit से पहले अपना जीवन खो देता है तो उसके आश्रितों को EDLI बेनिफिट्स मिलते है जो अधिकतम 6 लाख तक हो सकते है। EDLI के बारे में ज्यादा जानने के लिए आप इस आर्टिकल को पढ़ सकते है –All About EDLI (Employees Deposit Linked Insurance Scheme)EPS scheme में 2014 के बाद हुए परिवर्तनों और इसके लाभों के बारे में और अधिक जानने के लिए, Pension Scheme: Neeraj Bhargava and Ram Niwas Bairwa के साथ यह साक्षात्कार आपको सभी महत्वपूर्ण विवरण प्रदान करेगा। इस लेख में विशेषज्ञों द्वारा दिए गए सुझाव और जानकारी शामिल हैं जो आपकी पेंशन योजना को और अधिक प्रभावी बना सकते हैं।पेंशन
अगर कर्मचारी 58 वर्ष की उम्र से पहले तथा अपनी पेंशन चालू होने से पहले ही अपना जीवन खो देता है तो उसकी पत्नी को पेंशन मिलेगी जो कर्मचारी को मिलती थी। इस पेंशन की न्यूनतम राशि 1000 रूपये होगी। अगर कर्मचारी की मृत्यु उसकी पेंशन चालू होने के बाद होती है तो उसकी पत्नी को केवल पेंशन का 50% मिलेगा तथा सदस्य के 2 बच्चों में से प्रत्येक को 25% पेंशन मिलेगी जब तक कि वो 25 वर्ष के नहीं हो जाते।अगर सदस्य की पत्नी की मृत्यु पहले ही हो चुकी है तो सदस्य के बच्चों में से 2 को पेंशन का 75% मिलेगा जब तक कि वो 25 वर्ष की उम्र के नहीं हो जाते। अगर सदस्य के बच्चे अपंग है तो उनको पूरी जिंदगी भर पेंशन मिलेगी। अगर सदस्य की कोई पत्नी या बच्चे नहीं है तो उसके Nominee को पूरी जिंदगी भर पेंशन मिलेगी। Nominee के रूप में उसके पेरेंट्स भी हो सकते है लेकिन अगर सदस्य ने अपनी पेंशन योग्य सेवा पूरी नहीं की है तो उसके पेरेंट्स को जमा की गई राशि वापिस मिल जाएगी।पेंशन Death Benefits प्राप्त करने के लिए आवश्यक डाक्यूमेंट्स
Death Benefits प्राप्त करने के लिए हमें इन डाक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ती है –- Combined Death Claim Form (earlier separate Forms 20, 10D, etc were required)
- मृत्यु प्रमाण पत्र
- पत्नी तथा बच्चो के आधार कार्ड
- पत्नी तथा बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र
- Separate bank account details (passbook copy) of wife and children (preferably in SBI
- पत्नी तथा बच्चो की 3 पासपोर्ट साइज फोटो
- 3 Joint passport photo of wife and children
EPS Scheme में 2014 के बाद क्या क्या परिवर्तन आए है?
अगर कर्मचारी लम्बे समय तक काम कर रहा है लेकिन उसकी उम्र अभी पेंशन को Withdrawal करने तक नहीं पहुंची है तो उसको जॉब चेंज करते समय अपने नए ऑफिस में पेंशन तथा PF Credential को जारी रखना चाहिए। भले ही आपने 20 साल से ज्यादा के लिए सर्विस की है लेकिन अगर आप लगातार 36 महीनों तक Contribution की राशि का भुगतान नहीं किया है तो आपके लिए समस्या खड़ी हो सकती है। इसलिए एक कर्मचारी को समय समय पर अपने Contribution का भुगतान करते रहना चाहिए। इसके अलावा अगर किसी कर्मचारी को 58 वर्ष की उम्र के बाद पदोन्नत किया जाता है तो वह अपने Contribution को 60 साल तक कर सकता है। अगर कर्मचारी अपनी पेंशन अवधि बढ़ाना चाहता है तो इसमें उसके Employer का किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं होता तथा न ही किसी प्रकार के अन्य डाक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ती है। इसके बारे में ज्यादा जानने के लिए आप इस आर्टिकल को पढ़ सकते है –Interview with Neeraj Bhargava and Ram Niwas BairwaLabour Welfare Fund
कामकाजी वर्ग के लिए Labour Welfare Fund को एक सहायता के रूप में देखा जा सकता है जो आर्थिक या अन्य किसी रूप की हो सकती है। इन सुविधाओं की सहायता से मजदूरों की कार्य स्थिति में सुधार, उनकी सामाजिक सुरक्षा को बढ़ाना तथा उनके जीवन स्तर में सुधार करने की कोशिश की जाती है। Labour Welfare Fund में अनेक प्रकार की सर्विसेज, बेनिफिट्स तथा अन्य Facilities एक Employer द्वारा अपने कर्मचारियों को प्रदान की जाती है। Employer तथा कर्मचारी से एक Contribution लिया जाता है तथा उसके बदले कर्मचारियों को ये सुविधाएं प्रदान की जाती है।वर्तमान में Labour Welfare Act भारत के 34 राज्यों (केंद्र शासित प्रदेश सहित) में से केवल 15 राज्यों में ही लागु है जो इस प्रकार है – आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरयाना, कर्नाटक, केरला, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, तमिल नाडु, तेलंगाना तथा पश्चिम बंगाल ।आश्रितों को किस प्रकार के Death Benefits मिलते है?
चूँकि यह योजना State Act के हिसाब से काम करती है इसलिए जिस सदस्य की मृत्यु हो जाती है उसके आश्रितों को मिलने वाले लाभ भी अलग अलग राज्यों में अलग अलग होते है। अगर हम हरयाना का उदाहरण ले तो यहां जिस सदस्य की मृत्यु हो जाती है उसकी पत्नी को 2 लाख रूपये Death Benefits के रूप में प्रदान किये जाते है। हालाँकि इसके लिए कुछ नियम तथा कानून निर्धारित है। इसके साथ अगर सदस्य का मासिक Wage 25,000 रूपये से कम था तो उसके परिवार के सदस्यों को अंतिम संस्कार का खर्चा भी मिलेगा।Income Tax Return
हालाँकि वैसे प्रत्यक्ष रूप से इसके कोई Death Benefits नहीं है लेकिन यह जिस व्यक्ति की मृत्यु हुई है उसकी जीवन बीमा के पैसे प्राप्त करने के लिए यह अप्रत्यक्ष रूप से बहुत उपयोगी है।इसके बारे में ज्यादा जानकारी के लिए आप हमारे इस वीडियो को देख सकते है –ऐसे ही बहुत सारे ज्ञानवर्धक आर्टिकल्स हिंदी भाषा में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें – हिंदी आर्टिकल्सFAQs
ESIC योजना के तहत, अगर सदस्य की मृत्यु काम के दौरान या काम से संबंधित दुर्घटना के कारण होती है, तो आश्रितों को सदस्य के वेतन का 90% पेंशन के रूप में मिलता है। इसके अलावा, अंतिम संस्कार का खर्च और चिकित्सा सहायता भी प्रदान की जाती है।
EPS योजना के तहत, सदस्य की मृत्यु की स्थिति में उसकी पत्नी, बच्चों और माता-पिता को पेंशन मिलती है। इसके अलावा, सदस्य के आश्रितों को EDLI के तहत अधिकतम 6 लाख रुपये तक का बीमा कवर भी मिलता है।
Labour Welfare Fund के तहत Death Benefits राज्य के अनुसार अलग-अलग होते हैं। उदाहरण के लिए, हरियाणा में सदस्य की मृत्यु होने पर उसकी पत्नी को 2 लाख रुपये और अंतिम संस्कार का खर्चा दिया जाता है, यदि सदस्य का वेतन 25,000 रुपये से कम था।
EPF Death Benefits के लिए आवश्यक दस्तावेजों में शामिल हैं: Combined Death Claim Form, मृत्यु प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण, पासपोर्ट साइज फोटो, आदि।
हालांकि Income Tax Return से सीधे Death Benefits नहीं मिलते, लेकिन यह दस्तावेज जीवन बीमा के क्लेम के लिए आवश्यक हो सकता है। इसके अलावा, मृतक के निवेश और संपत्ति के निपटारे में भी यह सहायक हो सकता है।
ESIC के Death Benefits क्लेम करने के लिए आपको Form 15, मृत्यु प्रमाण पत्र, FIR, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, गवाह रिपोर्ट, अस्पताल बिल, और आश्रितों के बैंक विवरण जैसी दस्तावेज़ जमा करने होंगे। इसके बाद, इन दस्तावेजों को ESIC कार्यालय में जमा करना होता है।